बेलदार लकड़ियां और ठेकेदार बिल उठा रहा है .....

 



श्रीनाथपुरम फायर ब्रिगेड केन्द्र से महर्षि गौतम सर्किल तक ग्रीन बैल्ट में इस तरह हो रही है पेड़ों की छंटाई



श्रीनाथपुरम अग्निशमन केन्द्र से महर्षि गौतम सर्किल के बायीं ओर स्थित ग्रीन बेल्ट में टूटे पड़े पिलर्स और जाली।



फुटपाथ पर कटे पेड़ की टहनियां।।


 


 


विशेष संवाददाता  कोटा, 13 दिसम्बर। नए कोटा में दो सीमेंट के पिलर टूट गए थे और उन पर ही रहने वाले मामा भील यहां आकर को उखड़कर तारबाड़े पर गिर पड़ा था जिससे लगाने वाले बंदे का कहना था कि आसपास बैल्ट से बाहर झांक रहे पेड़ों को अंदर करने बिल उठा रहा है। इस समूची ग्रीन बैल्ट में बोला। रतन का कहना था कि ग्रीन छंगाई के बाद एक-डेढ़ लाख रुपए मूल्य नगर विकास न्यास ने सड़क के किनारे लगी लोहे की जाली भी आड़ी पड़ गई थी टहनियां काटते हैं और उसे जलावन के बैल्ट के बाहर भी ट्री गार्डों में पेड़ लगे हैं, की लकड़ियां निकल सकती हैं, जिसकी शानदार ग्रीन बैल्ट विकसित की हैं और लेकिन आज तक न खंभे बदले गए और न रूप में इस्तेमाल करने के लिए ले जाते हैं। ग्रीन बैल्ट के पेड़ों की टहनियां ट्री-गार्ड में कभी ऑडिट भी नहीं होगी। इसलिए उनके रखरखाव पर भी लाखों रुपए खर्च जाली को व्यवस्थित किया गया। अब हम लोगों ने मना भी किया लेकिन लोग लगे पेड़ों पर छा गई हैं। उन पेड़ों की मैं वसूली का तो प्रश्न ही नहीं उठता। करती हैं लेकिन सही अर्थों में उनका स्थिति यह है कि इस स्थान से लोग ग्रीन मानते नहीं। छंगाई कर रहा हूं। आजकल पेड़ों के नाम पर सरकारी धन की रखरखाव भी हो पा रहा है या नहीं, यह बैल्ट में घुसकर लकड़ियों के नाम पर हरे- वहीं पर रतन नामक एक बैलदार इसके लिए मुझे किसी तरह की छंगाई का खेल बड़े पैमाने पर कोटा शहर देखने वाला कोई नहीं है। भरे पेड़ों को काट रहे हैं। गिरे पड़े पेड़ के मिला जो लकड़ियों को काटकर एकत्र कर मजदूरी नहीं मिलती, बस में लकड़ियां में चल रहा है। ऐसे कई ठेकेदार कुल्हाड़ा श्रीनाथपुरम फायर ब्रिगेड केन्द्र से पास ही कटे हुए पेड़ का ठंठ, इसकी गवाही रहा था। उसने बताया कि 30 से भी ज्यादा बीनकर ले जाता हूं। रतन के कथन से पता लेकर घूम रहे हैं कि बिल आप उठाओ, महर्षि गौतम सर्किल के बीच सड़क की देता है जिसे बिल्कुल नीचे से काटा गया ग्रीन बैल्ट के रखरखाव का ठेका कांग्रेस के चलता है कि नगर विकास न्यास में कितनी लकड़ियां हमें ले जाने दो। निहित स्वार्थ के बायीं ओर बनाई गई ग्रीन बैल्ट के हाल- है। उसमें फुटन की अब कोई संभावना एक बड़े नेता के पास है, उसके मुंशी अंधेरगिर्दी चल रही है। बैलदार लकड़ियां चलते डर यहीं है कि ग्रीन बैल्टों की बेहाल हैं। कुछ माह पहले एक पेड़ जड़ से नहीं है। इस सर्किल के पास ही गुमटी महावीरजी हैं। उन्होंने मुझे बुलाकर ग्रीन ले जा रहा है और बिना खर्च किए ठेकेदार हरियाली को ग्रहण न लग जाए।